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Showing posts from December, 2014

परले राम कुकुर के पाला

लोकनाथ तिवारी प्रभात खबर, रांची आज सुबह-सुबह कउड़ (अलाव) तापते हुए काका का आलस थोड़ा कम हुआ तो पैर पसारते हुए बड़बड़ाये. परले राम कुकुर के पाला, खींचि-खांचि के कइलस खाला. बचपन में सुनी गयी कहावत का अर्थ, उस समय बिलकुल पता नहीं था. अब थोड़ा-थोड़ा समझ में आता है. लेकिन अचानक काका के मुंह से इस कहावत को सुनकर जिज्ञासा हो उठी. आखिर किस महानुभाव के बारे में काका विचार कर रहे हैं. कौन राम किस कुकुर के पास आ कर अपनी दुर्गति करा रहे हैं. बिना पूछे रहा नहीं गया. आसपास बैठे अन्य लोग भी जानना चाहते थे. बिना किसी मनउव्वल के काका भी प्रसंग पर आ गये. कभी जय श्री राम का नारा देकर राम की छवि पर अधिकार जमाने की कोशिश करनेवाले अब गीता के पीछे पड़ गये हैं. ऐसा कर ये अपना कौन सा भला करना चाहते हैं नहीं पता, लेकिन राम और गीता की दुर्गति जरूर कर बैठते हैं, इसमें कोई शक नहीं है. काका ने कहा कि देखना अब इसे लेकर सेक्युलरबाज अपने गाल बजायेंगे, वामपंथी अपने गहरे लाल रंग को बदरंग होते देखेंगे और दलितों के बेटे-बेटियां सवर्ण राजनीति के विरोध में विष वमन करते करते इधर उधर लोटते दिखेंगे. वास्वकिता तो यह है कि य

असली चमचे कभी पिटा नहीं करते

लोकनाथ तिवारी प्रभात खबर, रांची   पिछले दिनों टाइम्स ऑफ इंडिया  में एक रोचक आलेख पढ़ा- ‘टाइम टू टैकल द ग्रेट इंडियन चमचा’. इसे पढ़ कर मुझे  लगा कि अखबारों को दिन में सपने देखने की आदत है. चमचा शब्द का प्रयोग हम प्राय: ईष्र्यावश करते हैं. जब कोई दूसरा हमसे बाजी मार ले जाता है, तब उसे चमचा करार देकर खुद को तसल्ली देते हैं.    चमचा का अर्थ सभी जानते हैं, फिर भी शब्दकोश की कृपा से प्राप्त अर्थ आपको बताये देता हूं- ‘यह कलछी की तरह का एक छोटा उपकरण है, जिसमें अंडाकार छोटी कटोरी में लंबी डंडी लगी होती है, और जिससे कोई चीज उठाकर खायी या पी जाती है.’ चमचों को लेकर हमारी जो समझ हैं, उसमें यह अर्थ कितना फिट बैठता है, यह मैं आप पर छोड़ता हूं. मैं तो कहता हूं कि यह दुनिया ही चमचों की है. हम अनायास चमचागीरी में आनंदमग्न हो उठते हैं. चमचे भी अपनी चमचागीरी करवाते हैं. किसी महान व्यक्ति ने कहा है, कि गुलाम लोग ही सबसे अधिक गुलामी कराना चाहते हैं.    यह बात चमचों पर सटीक लागू होती है. दूसरों की चमचागीरी करनेवालों को भी अपनी चमचई करनेवाले प्रिय होते हैं. चमचों के महत्व को हमारे फिल्मकारों