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Showing posts from November, 2014

Taken from Prabhat Khabar news paper

This interview is taken by Shri Harivansh ji  भाईश्री महान स्वतंत्रता सेनानी और गांधी जी के प्रिय पंडित रामनन्दन मिश्र के पुत्र हैं. इनका नाम है उदय राघव. माता-पिता प्यार से अन्ना कह कर पुकारते थे. अन्ना के नाम से ही मित्र बुलाते हैं. अन्ना जी ने डॉक्टरी (एमबीबीएस) की पढ़ाई की. फिर अपने वृद्घ पिता की सेवा और आध्यात्मिक साधना में निमग्न हुए. अब अध्ययन और साधना उनके जीवन के हिस्से हैं. अत्यंत मामूली ढंग से रहना. बहुत सादगी में जीना. पर दुनिया की ताजा और नवीन खबरों के साथ-साथ अध्यात्म का इतना गहरा अध्ययन जीवित लोगों में कम देखने को मिलेगा. उनके साथ बातचीत का पहला हिस्सा कल आपने पढ़ा, जिसमें उन्होंने बताया कि आज जो भी विकृतियां नजर आ रही हैं, उनका कारण है अतिशय भोग. इससे छुटकारा पाये बिना कोई मूल्य टिक नहीं सकता.  अगर ईश्वर हैं, तो जीवन में कैसे दिखते हैं? गांधी को, विवेकानंद को, रामकृष्ण परमहंस को, रमण महर्षि को या अन्य जो हमारे बड़े ऋषि-महर्षि हुए, उनको कहां दिखायी देते थे और कैसे प्रेरित करते थे? ये सारे महापुरुष, जिनका तुमने नाम लिया या जिनका नहीं लिया, वे अपने-अपने ढंग से उस म

Its taken from Prabhat Khabar दस आदमी के पास बहुत और नब्बे के पास अभाव

आज टेक्नोलॉजी ने समाज को तेजी से बदला है. इसी नयी संस्कृति की देन है, बिना शादी के लिव-इन रिलेशनशिप का जन्म. 13 नवंबर 2014 के दिल्ली के एक बड़े अखबार में पढ़ा कि अदालती आंकड़ों के अनुसार तीन साल में महज दिल्ली में लिव इन रिलेशनशिप में 12 गुणा से अधिक हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई. यह हिंसा, मार-पीट, जानलेवा हमलों से लेकर हत्या तक है.   लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद बलात्कार के आरोपों की बाढ़ आ गयी है. सिर्फ दिल्ली में, वर्ष 2013 में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे लोगों ने बलात्कार के 2049 मामले दर्ज कराये. बेंगलुरू में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं (तीन वर्ष की बच्ची से भी बलात्कार) का कोई निदान कानून-व्यवस्था या राजनीति नहीं निकाल पा रहे. इसलिए 11 नवंबर 2014 को टाइम्स ऑफ इंडिया की बड़ी खबर थी कि प्री-यूनिवर्सिटी के पहले की बेंगलुरू की शिक्षण संस्थाओं ने सुरक्षा के लिए यह तय किया है कि हर लड़की संस्थान को यह सूचना देगी कि वह कब, कहां, किससे बातें कर रही है. वह कब घर से निकलती है, कब घर पहुंचती है और कब कैंपस छोड़ती है?     दरअसल, समाज गिर चुका है. किसी गड्ढे के सबसे नीचे की सतह क

Quotes by Late PM Indira Gandhi

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‘There exists no politician in India daring enough to attempt to explain to the masses that cows can be eaten’. quotes by Late PM Indira Gandhi

Indira Gandhi the true gandhian.

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Late PM Indira Gandhi used to say that if one of my sons is weak then I need to take more care of that son. And if for taking care of that son who is weak, if someone is angry with me, I am not bothered. This was her thinking about the minorities.

हम पर भरोसा कर बनते हो बुद्धिजीवी ?

लोकनाथ तिवारी प्रभात खबर, रांची वंस अपॉन ए टाइम (किसी नेता को बुरा न लगे, इसलिए यूं ही लिख दिया, इसे आप करेंट घटना ही समङों) बहुत बड़े अनुभवी व्यक्ति ने यह कहते हुए सामनेवाले की बोलती बंद कर दी.. मियां बनते हो बड़का महान बुद्धिमान और मेरी बातों में आ गये. मैं अब तक फेंके जा रहा हूं और आप हैं कि मन मिजाज लगाकर हमारी बातों को तरजीह दिये जा रहे हैं. ऐसे बुद्धिहीन से तो बात करने में भी मजा नहीं आता. आप तो निरे मैंगो पीपुल निकले. न जानना न बूझना बस विश्वास कर लेना. ऐसा कैसे चलेगा. दुनियादारी सीखनी होगी. ऐसे ही एक नेताजी के घर में चोर आ गया. जैसे ही उन्होंने चोर को देखा, चोर भागने लगा. बस नेताजी भी उसके पीछे-पीछे भागने लगे. अब भला चोर की क्या औकात जो वह नेताजी से कंपीटिशन कर पाये. पलक झपकते ही नेताजी चोर से आगे निकलते हुए जोर से चिल्लाए, एक तो चोरी, उपर से मेरे साथ रेस. बड़े साहसी चोर हो भई. शरम करो, अपनी औकात पर गौर करो और सामनेवाले की काबलियत को ध्यान में रखो. फिर कंपीटिशन करने मैदान में उतरो. चोरी चकारी, बेइमानी, झूठ बोलने जैसे काम में महारत हासिल करनी है तो पहले हमारे घर छह महीने पान

‘मन की बात’ ==काले धन की कहानी सुन काका कोहनाये

लोकनाथ तिवारी,प्रभात खबर, रांची जब से काका ने प्रधानमंत्री जी के ‘मन की बात’ सुनी है. तब से उनका  छुहारे सा पिचका मुंह और सुसक गया है. बेचारे कब से आस लगाये थे कि विदेशी बैंको में रखा अपने देश का लाखों करोड़ रुपये का काला धन वापस आयेगा. हर आदमी को 15-15 लाख मिलेंगे. गरीबों की गरीबी सिरे से मिट जायेगी और वे भी लखपतियों की तरह रहने लगेंगे. लेकिन यह क्या? प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘कोई नहीं जानता कि विदेश में कितना काला धन छुपाया गया है. न आपको पता है, न सरकार को, न पहले की सरकार को पता था. सभी अपने-अपने आंकड़े पेश कर रहे हैं.’’ अब तक मोदी की हर बात पर भरोसा करते आये काका को मोदी की इस बात पर भरोसा करने का तनिक भी जी नहीं कर रहा है. उन्होंने बड़बड़ाते हुए कहा कि अनुलोम-विलोम और जड़ी-बूटी वाले बाबा रामदेव ने तो आंखों से पूरा काम लेते हुए जनता को विश्वास दिलाया था कि विदेश में हमारे देश का इतना काला धन है कि सभी गरीबों की गरीबी मिट जायेगी. अब ऐसा क्या हो गया कि काले धन के आंकड़े का पता नहीं चल पा रहा है? चुनाव के समय तो ऐसा लग रहा था, जैसे ऑ
लोडशेडिंग से जूझते बंगाल में बिजली की बिक्री लोकनाथ तिवारी अक्टूबर 2009, जब पश्चिम बंगाल का अधिकांश भाग लोडशेडिंग की चपेट में अंधकार में रहने को बाध्य था तब राज्य की बिजली कम्पनियां बाहर के राज्यों को बिजली की बिक्री करने में व्यस्त थीं।  यह चौंकाने वाला तथ्य है कि पावर एक्सचेंज के माध्यम से बिजली की बिक्री करने वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल का स्थान मई 2009 में दूसरे स्थान पर था। इसने मई 2009 में 55.18 मिलियन यूनिट बिजली की बिक्री की जो पावर एक्सचेंजों के माध्यम से देश की सभी बिजली कम्पनियोंं द्वारा बिक्री की गई बिजली का 16.15 फीसदी है। सेन्ट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऍथारिटी द्वारा जारी की गई शॉर्ट टर्म ट्रांजैक्शन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी की मासिक रिपोर्ट के अनुसार मई 2009 में पश्चिम बंगाल से 105.73 मिलियन यूनिट बिजली की बिक्री की गई जो देश में सातवां सर्वाधिक बिजली की बिक्री है। इस राज्य ने द्विपाक्षिक तौर पर 100.33 मिलियन यूनिट बिजली की खरीद भी की लेकिन पावर एक्सचेंजों के माध्यम से एक भी यूनिट बिजली की खरीद नहीं की। पश्चिम बंगाल में मई 2009 में 38 मिलियन यूनिट बिजली की कमी होने के ब