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Showing posts from October, 2009

फूलन देवी : The Bandit Queen---पार्ट-3

जब लालाराम ठाकुर डाकू जेल से छूट कर आता है, तो विक्रम मल्लाह उसे पूरा सम्मान देता है। रायफल देता है। लेकिन लालाराम के मुँह से पहला वाक़्य जो निकलता है और जिस लहज़े में निकलता है, उससे जात-पात की बू आती है। उसकी बात मल्लाह डाकुओं को अच्छी नहीं लगती है, लेकिन सह लेते हैं। लालाराम को एक मल्लाह के हाथ नीचे डाकू बने रहना स्वीकार न था। वह ज़ल्दी ही मल्लाह को धोखे से मारकर कायरता का परिचय देता है। फूलन के साथी सभी ठाकुर डाकू सामूहिक बलात्कार कर अपनी वीरता का झण्डा ऊँचा करते हैं ! लेकिन इससे भी ठाकुर के पत्थर कलेजे को ठंडक नहीं पहुँचती है, तब लालाराम बेहमई गाँव में फूलन को पूरे गाँव की मौजूदगी में नग्न कर देता है और उसे पानी भरने को कहता है। उसके बाल पकड़कर एक एक को दिखाता है कि ये मल्लाह ख़ुद को देवी कहकर बुलाती है। मुझे इसने मादरचोद कहा था। गाँव के सारे ठाकुर फूलन को नग्न देखते हैं। कोई विरोध नहीं करता एक औरत को इस हद तक ज़लील करने की। उस वक़्त हवा को भी जैसे लकवा मार जाता है। फूलन इस सबके बाद जी जाती है, जितना फूलन ने सहा किसी खाते-पीते घर की औरत को यह सहना पड़ता। या किसी भी दबंग को यह सहना

फूलन देवी : The Bandit Queen---पार्ट-2

फूलन मायके में ही जवान होती है। उसकी जवानी पर गाँव के सरपंच के आवारा मोड़े और उसके साथी मोड़ों की नज़र होती है। वे उसे आते-जाते छेड़ते हैं और एक दिन खेत में अकेली को घेरकर ज़बरदस्ती करने की कोशिश करते हैं। ज़बरदस्ती तो नहीं कर पाते, लेकिन सब मिलकर उसे बुरी तरह से पीटते हैं। गाँव में पंचायत बैठती है और फूलन पर बदचलनी का एक तरफ़ा आरोप लगा उसे गाँव बाहर कर देती है। बार-बार प्रताड़ित, बार-बार बलात्कार फूलन के विद्रोही स्वभाव को कुचल नहीं पाता, बल्कि और भड़काता है। जब वह बंदूक थाम लेती है। पुत्तीलाल से बदला लेने पहुँचती है। पुत्तीलाल को गधे पर बैठाया जाता है। फिर लकड़ी के खम्बे से बाँध कर मारती-पीटती है। लेकिन जब वह यह कर रही होती है, उसके कान में ख़ुद की ही चीत्कार गूँजती है। वह चीत्कार जो कभी पुत्तीलाल द्वारा ज़बरदस्ती करने का विरोध करते हुए ससुराल में गूँजी थी। ग्यारह बरस की एक बहू जब मदद के लिए चीत्कार रही थी। सास दरवाजा भीड़कर दूसरी तरफ़ चली गयी थी। बदला लेते वक़्त उसे वह सब याद आ रहा था। उसकी छटपटाहट, उसे ग़ुस्से का पारावार किसी की भी मग़ज़ सुन्न कर देने वाला होता है। यहाँ फूलन अपने साथी वि