यौन कारोबार में हाई प्रोफाइल हुए दलाल

यौन कारोबार में हाई प्रोफाइल हुए दलाल

लोकनाथ तिवारी
कोलकाता। यौन कारोबार के दलाल हाई प्रोफाइल हो गये हैं। बाकायदा कार्यालय खोलकर अपने क्लायंट की मुंहमांगी मुरादें पूरी करते हैं। ग्राहक की पुलिस से सुरक्षा व पूर्ण संतुष्टि का भी पूरा ख्याल रखा जाता है ताकि क्लायंट स्थायी ग्राहक बना रहे।
कॉलगल्र्स और दलालों का नेटवर्क दो स्तरों पर है। एक अत्यंत हाईप्रोफाइल है जिसमें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली और आधुनिक वेशभूषा वाली हाई फाई कॉलगर्ल हैं तो दूसरा नेटवर्क महाराष्ट्र, सिक्किम, पश्चिमी बंगाल, बिहार, नेपाल और भूटान से लाई गई बेबस लड़कियों का है। ग्राहक की मांग के अनुसार ही कॉलगर्ल उपलब्ध कराई जाती है। सेक्स के इस कारोबार में नये ग्राहक को प्रवेश बहुत मुश्किल से मिलता है। पकड़े जाने के डर से केवल पुराने व नियमित ग्राहकों को ही प्राथमिकता दी जाती है। ग्राहक को एक निश्चित स्थान पर कॉलगर्ल की डिलीवरी कार के माध्यम से कर दी जाती है। वहां से ग्राहक अपने वाहन से उसको मनचाहे स्थान पर ले जाता है।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विश्वसनीयता इस धंधे का प्रमुख हिस्सा है। कॉलगर्ल सीधी डील नहीं करती और किसी भी कीमत पर किसी नये ग्राहक से डील नहीं की जाती। पुराने सम्पर्क के आधार पर ही डील की जाती है। यही कारण है कि पुलिस जल्दी से इनकी पहचान नहीं कर पाती। इस धंधे में लगे लोगों के अपने कोडवर्ड हैं जिनका इस्तेमाल कर वह ग्राहकों से बातचीत करते हैं।
यौन कारोबार में न केवल विदेशी लड़कियां शामिल हैं बल्कि मॉडल्स, कॉलेज गल्र्स और बहुत जल्दी ऊंची छलांग लगाने की मध्यमवर्गीय महत्वाकांक्षी लड़कियों की संख्या भी बढ़ रही है। पुलिस के बड़े अधिकारी भी मानते हैं कि अब कॉलगर्ल और दलालों की पहचान मुश्किल हो गई है क्योंकि इनकी वेशभूषा, पहनावा व भाषा हाई प्रोफाइल है और उनका काम करने का ढंग पूरी तरह सुरक्षित है। यह न केवल विदेशों से कॉलगल्र्स मंगाते हैं बल्कि बड़ी कंपनियों के मेहमानों के साथ कॉलगल्र्स को विदेश की सैर भी कराते हैं।
अब सेक्स की मंडी में ग्राहकों की भीड़ केवल मौज मस्ती या शारीरिक सुख के लिए ही नहीं लगती। इस मंडी से खरीदा गया माल आफिस में तरक्की का मार्ग खोल देता है, चुनाव का टिकट दिला देता है, बड़े से बड़े टेंडर दिला देता है। यही कारण है कि अब सेक्स के बाजार में सिक्कों की चमक पहले से कहीं ज्यादा है और बड़ी तादाद में लड़कियां इस कारोबार की ओर आकर्षित हो रही हैं। अब इस पेशे में कॉलेज गर्ल की मांग अधिक हो गई है।
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बस एक कॉल या क्लिक की दूरी
होटल, मोटेल, मॉल, मेट्रो स्टेशन, मसाज पार्लर, बस स्टॉप, सब-वे, हाइवे ये हर कहीं मौजूद हैं। अब तो इन्हें तलाशने के लिए कहीं बाहर जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। मोबाइल और इंटरनेट पर, बस एक कॉल या क्लिक की दूरी पर इनसे आसानी से सम्पर्क साधा जा सकता है।
इस तथ्य की पुष्टि के लिए हमने एक वेबसाइट पर क्लिक किया। पलक झपकते दर्जनों एस्कॉर्ट सर्विस एजेंसियों और सैकड़ों मसाज पार्लर के पते, 56 हजार गर्लस-ब्वॉयज एस्कॉट्र्स की सूची सामने आ गई। दावा था कि इनमें से अधिकतर कालेज गर्ल या ब्वॉयज हैं।
हम वेबसाइट से एक एस्कॉर्ट का नंबर लेते हैं। फोन एक लड़के ने उठाया। कल्पना से बात करनी है, कहने पर जवाब मिला, 'आपको चाहिए क्या' हमने बिना झिझक कहा, कल्पना से मिलना है। वह हमारा इशारा समझ चुका था. 'अगर उससे मिलना है तो पहले किसी अच्छे होटल में कमरा लो, फिर फोन करो। एक घंटे के 8,००० और फुल नाइट के 15,०००। बस, फोन कट गया।
मिलने पर हमने जानना चाहा कि वह कॉलेज से देह- व्यापार में कैसे आ गई? थोड़ी खामोशी के बाद उसने कहा, 'हॉस्टल में तमाम बंदिशें थीं। मौज-मस्ती के चक्कर में हम चार लड़कियां हॉस्टल छोड़कर किराए के फ्लैट में रहने लगे। रोज देर रात तक घूमना और होटलों में खाना-पीना, मतलब जिदगी में हर तरह की मौज-मस्ती शुरू हो गई। रोजमर्रा के खर्चों और बदली फैशनेबल जीवन-शैली की बढ़ती डिमांड ने हमारा भी रुख इस बाजार की ओर कर दिया।
बस एक फोन कर मसाज पार्लर के नंबर मांगने पर आधे घंटे के भीतर अलग-अलग मसाज पार्लर से दर्जन भर फोन आ जाते हैं। दरअसल वे मसाज पार्लर नहीं, सेक्स की दुकानें हैं। वे धड़ल्ले से हमारी पसंद मसलन, कॉलेज स्टूडेंट, रशियन या अफगानी गर्ल, वîकग या फिर हाउस वाइफ की डिमांड के बारे में पूछते हैं। दलाल 'विशेष’ वेबसाइटों के जरिए एक-दूसरे से सम्पर्क साध कर अपना नेटवर्क मजबूत बनाते हैं।



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