भगवान शिव चमत्कारी मंत्र

भगवान शिव को बिल्वपत्र अत्यंत प्रिय हैं। पौराणिक मान्यता है कि जो भी सच्चे मन एवं श्रद्धा से भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पित करता है, उसके रोग, शोक, संकट नष्ट हो जाते हैं। 
शिवजी को बिल्वपत्र चढ़ाने के अनेक कारण हैं और इसे लेकर अनेक कथाएं प्रचलित हैं। बिल्वपत्र मूलत: शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक है। 
इन नेत्रों से भगवान शिव भूत, भविष्य और वर्तमान - सब पर नजर रखते हैं। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से वे जीवन में समृद्धि, शांति और शीतलता लाते हैं। 
अगर बिल्वपत्र प्रेम सहित अर्पित किया जाए तो शिवजी अपने भक्त से यह भेंट अवश्य स्वीकार कर लेते हैं। भगवान शिव को यह चमत्कारी मंत्र पढ़ते हुए बिल्वपत्र चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च
नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम्‌ पापनाशनम्‌। अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌। कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर। सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय।

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