पाक के ना-पाक इरादों पर लगे विराम

ंमुख में राम बगल में छुरी, की तरह पाकिस्तानियों का व्यवहार बार-बार उजागर होता रहा है और हम पड़ोस की दुहाई देकर बस सब्र का इम्तहान देते रहते हैं. अब तो इस इम्तहान की इंतेहा हो रही है. मिसाल देखिये कि ईद पर मिठाइयों के आदान-प्रदान को पाक ने ना कह कर अपने नापाक इरादे जाहिर कर दिये है. पंजाब के वागा बोर्डर पर भारत व पाकिस्तान के सैनिक ईद के दौरान एक दूसरे को बधाई देते हैं और मिठाई का आदान-प्रदान करते हैं. इस बार यह परंपरा नहीं निभाई गयी. ऐसा कर पाक ने एक तरह से ठीक ही किया है. अपनी असली जाति दिखा दी है. सीमा पार से निरीह नागरिकों पर रात को गोले बरसानेवाली सेना दिन के उजाले में मिठाइयों का आदान-प्रदान करती तो भारतीय निरीह जनता को यह तमाशा ही लगता. अब तो दीपावली और स्वतंत्रता दिवस के दिन भी ऐसा नहीं किया जाये तो ही बेहतर है. इसके पीछे वाजिब वजह भी है. ईद-उल-जुहा से एक रात पहले पाकिस्तान ने हदें पार करते हुए रिहायशी इलाकों में जबरदस्त फायरिंग की, जिसमें पांच भारतीय नागरिकों की मौत हो गई और 35 जख्मी हो गए. जम्मू के अरिनया और आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजरों ने रविवार रात भर शेलिंग और फायरिंग की. वहीं भारतीय जवानों ने कुपवाड़ा के तंगधार से घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकियों को मार गिराया. भारतीय सीमाओं पर जिस पैमाने पर पाक की ओर से गोलाबारी शुरू की गयी है, उससे दोनों देशों के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान के बारे में सोचना भी बेकार है.
हद तो यह है कि गोलाबारी रात को होती है, जिससे ग्रामीण न तो घरों से बाहर निकल सकते हैं और न ही अंधेरे में सुरिक्षत स्थानों में शरण ले पाते हैं. पाकिस्तान की कोशिश है कि किसी तरह गोलाबारी की आड़ में आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्न में घुसपैठ करा दे. पाकिस्तान की बौखलाहट का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेरिका में पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी नवाज शरीफ ने कश्मीर पर बेतुका बयान दिया.  वहीं प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने अमेरिका सहित अन्य देशों को यह संदेश दिया कि आतंकवाद से किसी समस्या का समाधान नहीं निकल सकता.
भारत व पाक के बीच समस्या का समाधान निकालने की कोशिश पहले भी की गयी है. आगे भी होती रहेगी. विडंबना यह है कि पाक के राजनेता ऐसा नहीं चाहते. पाकिस्तान में भारत विरोधी बयान देकर अपने देश की चौपट होती अर्थ व्यवस्था व बढ़ती बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाने के लिए उनके पास और कोई चारा भी नहीं है. आतंकी गतिविधियों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से बढ़ावा देकर वे कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर नंगे हो चुके हैं. उनको अपनी जनता की भी परवाह नहीं है. सीमा पार से गोलीबारी कर हमें परेशान करने की जुगत में वे शेर की पूंछ पर पैर रख रहे हैं. उनको भी यह बखूबी पता है कि भारतीय फौज अपने पर आ गयी तो उनको उनके ही घर से खदेड़ कर दम लेगी.  ऐसे में तो बस हम उस दिन का इंतजार ही कर सकते हैं. उसके पहले बस इतनी ही कामना है कि पाक नेताओं के नापाक व बीमार इरादों को सदबुद्धि की रामबाण औषधि मिल जाये. अन्यथा .. 

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