ओसामा बिन लादेन: हकीकत क्या है?

part-1
परत दर परत..... ..... विश्लेषण..... .....




पश्चिमी देशों विशेष रूप से अमेरिका और ब्रिटेन लगातार इस बात का दावा करते रहे हैं कि विश्व का खूँखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन जिंदा है और वह समय समय पर अपनी धमकियों से इस बात की पुष्टि करता रहता है, लेकिन अब पश्चिमी देशों में यह धारणा जोर पकड़ रही है कि वास्तव में ओसामा बिन लादेन कम से कम सात वर्ष पहले ही मर चुका है और उसे जिंदा रखने का काम पश्चिमी देशों की सरकारें कर रही हैं ताकि आतंकवाद के खिलाफ कथित युद्ध को तब तक चलाया जा सके जब‍ तक कि उनके उद्‍देश्य पूरे नहीं हो जाते।



क्या यह नहीं हो सकता है कि अमेरिका पर आतंकवादी हमलों के शुरुआती दिनों के बाद से जो ऑडियो और वीडियो उसके नाम पर जारी किए गए हैं, वे सभी फर्जी हैं? क्या यह संभव नहीं है कि ओसामा को जिंदा बनाए रखने का काम ब्रिटिश और अमेरिकी खुफिया एजेंसियाँ कर रही हैं ताकि आतंक के खिलाफ युद्ध में अपने यूरोपीय सहयोगी देशों की मदद लेती रहें?



ओसामा के जिंदा होने की धारणा के ठीक विपरीत बहुत सारे सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि इन महत्वपूर्ण तथ्‍यों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। अमेरिका की स्पेक्टेटर पत्रिका में अमेरिका खुफिया सेवा के पूर्व अधिकारी और वरिष्ठ संपादक एंजेलो एम. कोडविला ने स्पष्ट रूप से कहा था कि 'सारे सबूत यह दर्शाते हैं कि आज ओसामा बिन लादेन की तुलना में एल्विस प्रेज्ली ज्यादा सजीव हैं'।



बोस्टन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर कोडविला का कहना था कि कथित तौर पर लादेन के नाम से जारी होने वाले वीडियोज में बहुत सारी खामियाँ हैं। वर्षों तक ओसामा को देखे जाने का कोई सबूत नहीं है और 2001 के अंतिम भाग तक अल कायदा नेता के जो संदेश पकड़े जाते थे उनका पकड़ा जाना पूरी तरह से बंद हो गया था।



उनका यह भी कहना है कि वे वीडियो और ऑडियो जिन्हें ओसामा की ओर से जारी किए जाने का दावा किया जाता है, वे निष्पक्ष जानकारों को प्रभावित नहीं करते। वीडियोज में तो दो तरह के ओसामा दिखाई देते हैं। कुछ में वह अरबी भाषी लोगों जैसा और सीधी पतली नाक वाला दिखता है तो कुछ में उसकी नाक छोटी‍ और मोटी लगती है।



ड्‍यूक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रूस लॉरेंस का मानना है कि पहले और बाद के ऑडियो में ओसामा की भाषा बदलती गई है। पहले के ऑडियोज में वह अल्लाह और पैगम्बर मोहम्मद के नामों का हवाला देना नहीं भूलता था, लेकिन बाद के ऑडियोज में ऐसा नहीं है। उनका कहना है कि एक वीडियो में तो ओसामा की अँगुलियों में अँगूठियाँ भी हैं, जबकि उसके जैसे वहाबी धर्मावलम्बियों के लिए किसी तरह के आभूषण पहनना वर्जित है।

Comments

Popular posts from this blog

परले राम कुकुर के पाला

राजीव गांधी: एक युगद्रष्टा

दिन महीने साल गुजरते जायेंगे..