नाम की महिमा निराली
Lokenath Tiwary लोकनाथ तिवारी बचपन में एक कहावत सुनी थी अंधे का नाम नयन सुख यानि ग्ाुण के विपरीत नाम होना। बचपन में ऐसे नामों को हंसी का पात्र माना जाता था। हमारे यहां तो नाम बिग़ाडने की भी परंपरा थी। अगर किसी अनपढ़ गंवार पगलेट का नाम सुखराम होता था तो उस गांव जवार के लोग अपने बच्चों का नाम सुखराम रखने से बचते थे। हमारे यहां नाम रखने का दौर भी चलता था। सुनील गावसकर के जमाने में सुनील और राजेश खन्ना के जमाने में राजेश नाम के दर्जनों बच्चे एक ही गांव में पाये जाने लगे। अब कहियेगा कि आज नाम को लेकर चर्चा की क्या सूझी। हमारी मुख्यमंत्री राज्य का नाम परिवर्तन करनेवाली हैं। पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बंगला या बंगो किया जा सकता है। वहीं पश्चिम बंगाल को अंग्रेजी में बंगाल के नाम से जाना जायेगा। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि नाम बदलने से हमारा राज्य आगे आ जायेगा। हाल के सालों में देश के कई शहरों का नाम बदला गया था। हरियाणा में गुड़गांव का नाम बदलकर गुरूग्राम कर दिया गया था। इससे पहले कई राज्यों का भी नाम बदला गया। इनमें हैदराबाद शामिल है जिसका नाम बदलकर आंध्र प्रदेश कर दिया गया था। वहीं मद्र...