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गांधीवादी लोकनाथ तिवारी GANDHIWADI LOKENATH TIWARY

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गांधीवादी ब्लॉग के रचयिता लोकनाथ तिवारी (Lokenath Tiwary) महात्मा गांधी के विचारों को प्रसारित करते हैं. बापू के विचारों का अनुसरण करते हैं. पेशे से पत्रकार लोकनाथ मूलतः उत्तर प्रदेश के बलिया के रहनेवाले हैं. फिलहाल वह कोलकाता  में रहते हैं. उन्होंने कोलकाता के सन्मार्ग (Sanmarg) समाचार पत्र से पत्रकारिता करियर की शुरुआत की. उसके बाद राजस्थान पत्रिका (Rajasthan Patrika ) कोलकाता संस्करण में संपादकीय प्रभारी रहे. कोल इनसाइट्स (Coal Insights), स्टील इनसाइट्स (Steel Insights), प्रभात वार्ता (Prabhat Varta), प्रभात खबर (Prabhat Khabar), समाज्ञा (Samagya) और रिपब्लिक हिंदी (Republic Hindi) में अपनी सेवाएं दीं. रिपोर्टिंग, संपादन, प्रिंट और डिजिटल मीडिया की विभिन्न विधाओं में उनको महारत हासिल है.

गांधी आज भी उतने ही प्रासंगिक

लोकनाथ तिवारी बापू की पुण्यतिथि पर विशेष बापू और महात्मा के नामों से जाने-जानेवाले युगपुरुष, सत्य, अहिंसा, कर्तव्यपराण्यता, सहनशीलता एवं संवेदनशीलता की प्रतिमूर्ति मोहनदास करमचंद गाँधी की पुण्यतिथि पर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि.  महात्मा गांधी जी का ऐसा मानना था कि व्यक्ति के विचारो में परिवर्तन ला कर बड़ी से बड़ी जंग जीती जा सकती है. गांधीजी ने अपने विचारों के माध्यम से राजनीतिक, दार्शनिक, सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन किये. उन्होंने सबको सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलने का सन्देश दिया. वह  एक समाज सुधारक भी थे. उन्होंने नीची जाति के लोगो के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. छुआ-छूत का विरोध किया. निम्न जाति के लोगो को आदरसूचक शब्द हरिजन कह कर बुलाना प्रारंभ किया जिसका शाब्दिक अर्थ “ईश्वर की संतान” है. राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश जी का मानना है कि गांधी विकल्पहीन हैं. 72 साल पहले 30 जनवरी के दिन नाथूराम गोडसे नामक हत्यारे ने अहिंसा के इस पुजारी की हत्या कर दी थी. दूसरी ओर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की नेता पूजा पांडे जैसे लोग भी हैं जो गांधी जी के पुतले को गो

अरबपति ब्वॉयफ्रेंड की तलाश ऐसे होगी पूरी

लोकनाथ तिवारी  एक अरबपति युवक ने गर्लफ्रेंड के लिए वैकेंसी निकाली हैं. 17 जनवरी तक आवेदन करने का अवसर है. बशर्ते लड़की की उम्र 20 वर्ष से अधिक हो और वह उसके साथ चांद पर जाने की इच्छुक हो. जापानी अरबपति युसाका मैजवा ने स्पेसएक्स रॉकेट के जरिए चांद पर जाने की योजना बनाई है. अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के स्पेसएक्स रॉकेट के जरिए युसाका चांद पर जाने वाले पहले प्राइवेट पैसेंजर होंगे. वे 2022 में चांद पर जा सकते हैं.  44 साल के युसाका 20 साल से अधिक उम्र की सिंगल लड़की को गर्लफ्रेंड के रूप में तलाश रहे हैं. युसाका मैजावा ने अपने वेबसाइट पर उन्होंने लिखा है- जैसा कि अकेलापन और खालीपन धीरे-धीरे मेरे भीतर बढ़ रहा है, मैं एक चीज के बारे में सोचता हूं वो है-एक महिला को प्यार करना. युसाका ने कहा है कि गर्लफ्रेंड के रूप में उन्हें लाइफ पार्टनर की तलाश है. उन्होंने कहा है कि वे आउटर स्पेस से अपने प्यार और वर्ल्ड पीस (वैश्विक शांति) के लिए अपील करना चाहते हैं. हाल ही में युसाका 27 साल की एक्ट्रेस गर्लफ्रेंड अयमे गोरिकी से अलग हुए हैं. युसाका की गर्लफ्रेंड बनने के लिए अप्लाई करने वालीं लड़कियों की रुच

दिल्ली में केजरीवाल के खिलाफ नेता नहीं तय कर पा रही बीजेपी या कांग्रेस

लोकनाथ तिवारी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. आप एक बार फिर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ही मैदान में उतर रही है, इसमें कोई संदेह नहीं है. फिलहाल आप में कोई अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व को चुनौती देता नहीं दिख रहा. दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की पुरजोर कोशिश कर रही बीजेपी का नेता कौन होगा, यह स्पष्ट नहीं है. कांग्रेस में भी कमोबेश वही स्थिति है. दो दशक से अधिक समय से दिल्ली की सत्ता से दूर रही बीजेपी से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर स्थिति अस्पष्ट है. बीजेपी विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के मुक़ाबले प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को सीएम उम्मीदवार के रूप में शायद ही उतारे. पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, सहित अन्य नेताओं को सामने रखकर सामूहिक नेतृत्व में ही बीजेपी चुनाव लड़ सकती है.  हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ बीजेपी समर्थक मनोज तिवारी फॉर दिल्ली सीएम ग्रुप बनाकर अभियान चला रहे हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर का भी मानना है कि फिलहाल बीजेपी ने नेतृत्व के ब

मनोज वाजपेयी को याद है मोतिहारी की छठ पूजा, माई की हिदायत

लोकनाथ तिवारी बिहार में छठ का क्या महत्व है इसे जानने के लिए इस पर्व की तैयारी में जुटे किसी बिहारी परिवार को देख लीजिए. कलक्टर हो या चपरासी, वीआईपी हो या आम आदमी छठ माई के समक्ष हर कोई विनम्र और नत मस्तक हो जाता है. बिहारी लोग देश के किसी भी कोने में क्यों ना हों छठ पर्व को पूरे रीति-रिवाज से मनाते हैं. बॉलीवुड के सितारे हों या शीर्ष अधिकारी छठ पर्व पर अपने गांव-घर में ही मनाना चाहते हैं. अगर किसी कारणवश गांव नहीं भी जा पाते तो जहां होते हैं वहीं छठ व्रत करते हैं. छठ आते ही बॉलीवुड के स्टार मनोज वाजपेयी को मोतिहारी के गांव की छठ पूजा, कांचहि बांस के बहंगिया, अर्घ्य और कोसी भरने की याद आने लगती है. बॉलीवुड के स्टार मनोज वाजपेयी ने मीडिया से बातचीत में अपने गांव की छठ की स्मृतियों को ताजा की. इस छठ पर मनोज को मलाल है कि मोतिहारी स्थित अपने गांव नहीं जा पाये हैं लेकिन घर की छठ उनकी यादों में आज भी घूम रही है. वे कहते हैं, दुनिया में चाहे जहां रहूं, लेकिन छठ पर्व आते ही मेरा मन अपने गांव बेलवा में घूमने लगता है. माई-बाबूजी का वहां रहना और भी खींचता है. अर्ध्य देने के लिए दउरा सिर पर रख

बाहुबली बीजेपी, खंड-खंड विपक्ष

Lokenath Tiwary (लोकनाथ तिवारी) लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के सदमे से विपक्षी पार्टियां खंड खंड हो रही हैं. विपक्षी गठबंधन टूट रहा है. पार्टियों में अंदरूनी मतभेद और इस्तीफों का दौर भी देखने को मिल रहा है. चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही विपक्षी खेमे में उथल-पुथल मची हुई है. कांग्रेस में जहां आपस में ही आरोप-प्रत्यारोप जारी है वहीं अन्य पार्टियां अलग-अलग राह पकड़ रही हैं. कांग्रेस में सबसे ज्यादा विवाद राजस्थान इकाई में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने अपने बेटे की हार के लिए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को जिम्मेवार ठहराया है, जबकि पायलट समर्थक राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए गहलौत को जवाबदेह ठहराते हुए उन्हें पद से हटाकर पायलट को सीएम बनाने की मांग करने लगे हैं. गुजरात में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीजेपी खेमे में जाने की अटकलों के बीच ऐसा ही हाल गुजरात कांग्रेस में भी नजर आ रहा है. हरियाणा में हाल में प्रदेश समन्वय समिति की बैठक के दौरान नेताओं ने एक दूसरे पर उंगलियां उठायीं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में अपना खाता खोलने में न

रुपया गिर रहा है जनाब, संभालिए

Lokenath Tiwary (लोकनाथ तिवारी) किसी देश की मुद्रा उसकी अर्थव्यवस्था की सेहत को स्पष्ट करती है. मुद्रा को संचालित करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी उस देश की सरकार की होती है. अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव गहराने से बीते कुछ सप्ताह से रुपये में गिरावट बनी हुई है. छह सितंबर को पहली बार रुपया, डॉलर के मुकाबले 72 के नीचे लुढ़का था. डॉलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए कारगर कदम जरूर उठाए जाने चाहिए. इसमें रिजर्व बैंक की भूमिका महत्वपूर्ण है. जानकारों के अनुसार हमें निर्यात को प्रोत्साहित करना होगा और आयात नियंत्रित करने होंगे, ताकि व्यापार घाटा को कम किया जा सके. डॉलर-रुपये की सट्टेबाजी पर भी अंकुश लगाना होगा. 2013 में तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने इस प्रकार के कुछ कदम उठाए भी गए थे, जिसका सकारात्मक असर हुआ था. डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये को संभालने के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तरीके को अपना सकती है. डॉलर डिपॉजिट स्कीम (एनआरआई बॉन्ड) केन्द्रीय रिजर्व बैंक अब अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की मदद लेने की तैयारी कर रही है.