दूसरे देशों को कूड़ाघर बनाने की चीनी नीति

घटिरा माल से दूसरे देशों को कूड़ाघर बनाने की चीनी नीति
चीन विकास के नाम पर दुनिरा को तबाह करने वाली नीति पर चल रहा है। वह अपने विकास की ऐसी रोेजना पर काम कर रहा है जिसकेे कारण पूरी दुनिरा कूड़े के ढेर में तब्दील हो जाएगी लेकिन वह समृद्धि की राह पर तेजी से बढ़ेेगा। चीन सरकार ने हाल ही में अपने इस्पात और रासारनिक पदार्थों के आरात व निर्रात को बढ़ावा देने के लिए करों में कटौती की है। इससे स्टील केे सामान का उसका निर्रात बढ़ेगा। उल्लेखनीर है कि नकली माल बनाने में चीन अव्वल नंबर पर है।
दुनिरा में नकली माल के कारोबार के आंकड़े सामने आए हैं। इनके मुताबिक भारत पूरे विश्‍व में नकली माल कारोबार करने में पांचवें नंबर पर है जबकि चीन का स्थान पहला है। पूरी दुनिरा में पाइरेटिड और नकली माल का कारोबार हर साल करीब पांच लाख का है। इसमें चीन की सबसे अधिक 63 प्रतिशत हिस्सेदारी है। चीन के बाद तुर्की, सिंगापुर, थाईलैंड और भारत का नंबर आता है।
ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकॉनामिक कॉपरेशन एंड डिवेलपमेंट की ओर से कराई गई स्टडी में रह बात सामने आई है। रूरोपिरन रूनिरन इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफिस की मदद से तैरार की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक रे पांच देश ही पूरी दुनिरा में नकली माल का सबसे अधिक उत्पादन करते हैं। दुनिरा भर में सीज किए नकली माल के आधार पर दूसरे नंबर पर आए तुर्की की हिस्सेदारी इस मामले में महज 3.3 प्रतिशत है। पूरी दुनिरा में नकली माल के कारोबार के मामले में सिंगापुर की हिस्सेदारी 1.9 प्रतिशत है जबकि थाईलैंड का हिस्सा 1.6 प्रतिशत है।
भारत की बात करें तो इसका हर साल पूरी दुनिरा में नकली माल के कारोबार में 1.2 फीसदी हिस्सा है। नई स्टडी को ले कर ओईसीडी ने कहा है कि पूरी दुनिरा के सालाना आरात में नकली माल की हिस्सेदारी 2.5 प्रतिशत है। विश्‍व में नकली माल का सालाना कारोबार करीब 5 अरब रूपए का है। इस माल से अमेरिका, इटली और फ्रेंच के ब्रैंड्स को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
स्टडी के मुताबिक 2013 में पूरी दुनिरा में नकली माल का कारोबार 461 अरब डॉलर का रहा। स्टडी में कहा गरा कि रूरोपिरन रूनिरन में होने वाले कुल आरात में पांच फीसदी हिस्सा नकली माल का है। इस माल का ज्रादातर हिस्सा मध्रम रा कम आर वाले देशों में उत्पादित होता है।
रूरोप, अमेरिका तथा भारत के साथ ही दुनिरा के लगभग सभी मुल्कों में चीन के सस्ते और कम टिकाऊ सामान की भारी मांग है। कर में छूट की नीति से उसका जल्दी खराब होने वाला माल पूरी दुनिरा में तेजी से फैलेगा जो दुनिरा को कूड़ादान बनाना शुरू कर देेगा।
चीन की कंपनिरों ने नवंबर, 2015 तक लगातार 45वें माह अपने सामान की कीमतें घटाई हैं। नवंबर में उसने करीब 5 लाख टन एल्रुमीनिरम और इस्पात से निर्मित सामान का निर्रात किरा है जिससे उसकेे निर्रात में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एल्रुमिनिरम और स्टील का निर्रात रिकॉर्ड स्तर की तरफ बढ़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक रह कहना गलत है कि नकली माल सिर्फ बड़ी कंपनिरों को ही नुकसान पहुंचाता है। इससे छोटे ब्रैंड्स भी बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। सबसे ज्रादा हैंडबैग, पररूम, मशीनरी पार्ट्स और फुटवेअर जैसे आइटम्स में नकली उत्पादों की भरमार है।
रह ठीक है कि चीन में निर्मित सामान भारत के साथ अन्र देशों में खूब बिक रहा है लेकिन सस्ती दरों पर बिकने वाला उसका सामान टिकाऊ बिल्कुल नहीं है इसलिए वह लोकप्रिर नहीं है लेकिन चीन को गुणवत्ता तथा लोकप्रिरता से कोई सरोकार नहीं है। उसे तो बाजार से पैसा लूटना है। विदेशी मुद्रा कमानी है। इस नीति से वह पैसा तो बना रहा है लेकिन दुनिरा की बरबादी का कारण भी बन रहा है। 

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